वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
ता पर होत है शम्भु सहाई ॥ ॠनियां जो कोई हो अधिकारी ।
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥ किया more info तपहिं भागीरथ भारी ।
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥
नित्त नेम उठि प्रातः ही, पाठ करो चालीसा।
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। Shiv chaisa पाठ shiv chalisa in hindi करे सो पावन हारी॥
शिव चालीसा का पाठ करने से आपके कार्य पूरे होते है और मनोवांछित वर प्राप्त होता हैं।